स्टेनोग्राफी यह शब्द सुनने मे कई लोगो को नया सा लग रहा होगा और कई लोगो को इसके बारे मे पता भी होगा मगर थोड़ा सा यह एक shorthand लिखने की विधि है जिसमें सामान्य लिखाई की तुलना से अधिक तेज गति से लिखा जाता है, तो चलिये हम आपको steganography क्या है इसके बारे मे पुरी पुरी जानकारी देते है जिस्से आप यहा पर आर्टिकल पूरा पढ़ने के बाद कही और पढ़ने के लिये जाना नही पड़ेगा और वह भी हिन्दी मे सरल शब्दों द्वारा।
स्टेनोग्राफी क्या है? What is Steganography
Shorthand (आशुलिपि) किसी भी लेखन लिखने का एक एसा तरीका है जिसमें सामान्य लेखन से अधिक तीव्र गति से लिखा जाता है। इसमें छोटे छोटे प्रतीकों का उपयोग किया जाता है। आशुलिपि में लिखने की क्रिया आशुलेखन (stenography) कहा जाता है। स्टेनोग्राफी का मकसद है तेज और थोड़ा लेखन लिखना। इसे हिन्दी मे ‘शीघ्रलेखन’ या ‘त्वरालेखन’ भी कहा जाता है।
Steganography यह एक खास प्रकार की coding भाषा है जिसे speed मे शार्ट करके लिखा जाता है, जैसे किसी स्पीच को शार्ट करके तेज़ गती मे लिखना, स्टेनोग्राफी लेखन डाटा को एक अदभूत सुरक्षा प्रदान करता है।
Steganography यह एक लेखन को खास प्रकार के प्रतिक स्वरुप symbol मे रूपांतर (Convert) करके लिखा जाता है जिससे कोई भी अन्य व्यक्ति इस लेखन को आसानी से नही समझ पा सकता।

Shorthand किसे कहते है?
Shorthand को हिन्दी मे आशुलिपि कहते है जिसे स्पीड़ से खास प्रकार के symbol (प्रतिक) के साथ लिखा जाता है, किसी भी व्यक्ति के स्पीच एवम् बोलने की गती के साथ उसके बोले गये शब्दों को खास प्रकार से coding स्वरूप भाषा बनाकर तेज गती के साथ लिखा जाता है।
Steganography शब्द का इतिहास क्या है?
स्टेनोग्राफी शब्द मूलरूप से Greek शब्द है, स्टेगानो जिसका अर्थ ग्रीक मे ‘गोपनीयता’ है और ग्राफिया का अर्थ ग्रीक शब्द मे ‘लेखन’ होता है, जिसको पुरा लेखन मे गोपनीयता पढ़ा जायेगा।
Steganography यह एक प्राचीन प्रथा है, जिसमे सामान्य संदेश मे गोपनीय तरीके से लिखना जिसे समान्य व्यक्ति ना पढ़ सके, प्राचीन समय मे ग्रीक मे रहने वाले लॉग लकड़े पर संदेश लिखकर मॉम का इस्तेमाल करके उस संदेश को छुपाते थे, जो यह तरीके से लिखे हुवे लेखन को छुपाते थे, इस तरह स्टेनोग्राफी का इस्तेमाल 440 BC मे हुवा था।
इसी तरह रोम मे रहने वाले लोगो द्वारा invisible ink का अलग अलग स्वरूप से लिखकर इस्तेमाल करके लिखे हुवे संदेश को एक जगह से दुसरी जगह भेजने के लिये करते थे, उसके बाद संदेशों को विज़िबल करने के लिये प्रकाश और गर्मी का इस्तेमाल किया जाने लगा, दुसरे विश्वयुद्ध दौरान जर्मनी ने micro dots पेश किये थे, जिसके द्वारा संपूर्ण दस्तावेज, चित्र और डिज़ाइन और योजनाओं को लिखकर एक जगह से दुसरी जगह भेजने के लिये किया जाने लगा, उसे देखने वाले व्यक्ति को वह सामान्य तरीके से छोटे छोटे बिंदू दिखायी देते मगर उसमे संपुर्ण दस्तावेज, चित्र एवम् डिज़ाइन और युद्घ की पुरी पुरी योजनाओं की गोपनीयता छुपी रहती थी, गुप्त माहिती को छूपाने वाले व्यक्ति को नलसाईफर भी कहा जाता है, यह Encryption का एक प्राचीन स्वरूप है, जहा पर सादे लेखन को गुप्त लेखन मे convert किया जाता था इसके लिये उसमे एक खास प्रकार के symbol का इस्तेमाल किया जाता था, आज उसे Steganography का एक स्वरूप माना जाता है।
स्टेनोग्राफी कितने प्रकार के है?
स्टेनोग्राफी के पाँच प्रकार है,
1) Text steganography :-
इस method मे शब्दो की माहिती को खास प्रकार के शब्द को छिपाकर Encoding करके लेखन लिखा जाता है, इसके बाद उसे दुसरी जगह भेजा जाता है, इस लेखन को recieve करने वाला व्यक्ति इसे प्रकार की पद्धति का इस्तेमाल करके और सॉफ्टवेयर द्वारा decode करके उसे पढ़ा जाता है।

2) Image steganography :-
इस method मे इमेज फ़ाईल के जिसके Attachment jpg, png, gif, bmp फॉर्मेट हो उसमे masking method का इस्तेमाल करके image के अंदर खास तरीके का Data छूपा हुवा रहता है जो की steganalysis टूल्स की मदद से भी उसकी खास इन्फोर्मेशन नही पकड़ी जा सकती, image steganography मेथड losless data compresion को समर्थन करता है।

3) Audio steganography :-
इस method मे जिस message को छुपाना हो उसे Audio सिग्नल मे Embeded किया जाता है, जो सम्बंधित ओडियो फ़ाईल को binary order मे परिवर्तन करता है, जबकी Digital sound मे मैसेज को छूपाने की प्रकीया यह दुसरे Steganography के मुकाबले बहोत मुश्किल प्रकिया है।

4) Video Steganography :-
वीडियो स्टेनोग्राफ़ी मे user किसि भी प्रकार का Data डिजिटल वीडियो फॉर्मेट मे आसानी से छुपाकर ज़्यादा मात्रा मे transmit कर सकते है।

5) Network Steganography :-
नेटवर्क स्टेनोग्राफी यह एक खास प्रकार की माहिती को नेटवर्क नियंत्रक protocol के अंदर Embeded करने की एक तकनीक है, जिसका इस्तेमाल Data प्रसारण मे किया जाता है, जैसे के TCP/IP packet के Header मे मैसेज को कई क्षेत्र
पर छुपा सकते है, नेटवर्क स्टेनोग्राफी का इस्तेमाल करके जानकारी प्रसारित करना वर्तमान समय मे ज़्यादा सलामत है।
Steganography के क्या क्या फायदे है?
- Personal message को सुरक्षित तरीके से पहोचाने के लिये यह एक मात्र विकल्प है।
- Steganography मेथड़ Hecker’s के लिये मुश्किल भरा और पड़कार भरा है।
- एक साथ एक ही मैसेज मे लेखन, चित्र, ओडियो और वीडियो को एकीकृत करके सुरक्षित तरीके से Cover किया जा सकता है।
- Digital Data को Password का इस्तेमाल करके भी और सुरक्षित किया जा सकता है।
- कुछ software मे Steganography के साथ Encryption मेथड़ का भी समावेश किया जाता है।
स्टेनोग्राफी के क्या Disadvantages है?
- कई मर्तबा फ़ाईल, फ़ोटो, ओडियो और वीडियो का मुल कद बदल जाने की वजह से hecker के मन मे शक पैदा कर सकता है।
- कई मर्तबा steganography के लिये इस्तेमाल मे आने वाले ओपन सोर्स software वॉटर मार्क create करता है, जिससे hacker आसानी से Data को decode कर सकता है।
- खास वजह यह भी है की कई मर्तबा बहोत ही छोटी कद की फ़ाईल और बहोत बडी कद की फ़ाईल hacker के ध्यान मे जल्दी आ जाती है जिस्से उसे शक होने लगता है।
स्टेनोग्राफर कैसे बन सक्ते है?
स्टेनोग्राफर बनने के लिये 10 या 12 कक्षा पास होना ज़रुरी है, देश के हर राज्यो और शहरो मे कई निजी और सरकारी संस्थान मे स्टेनोग्राफी के course चलाये जाते है, भारतीय टेक्निकल इंस्टीट्यूट एवम् औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (ITI) जैसे संस्थानो मे इसके course चलाये जाते है जिसकी course करने की अवधि 1 वर्ष की रहती है, वही से course करके स्टेनोग्राफर बन सकते है।
स्टेनोग्राफर की क्या काबिलियत रहनी आवश्यक है?
स्टेनोग्राफर हर एक मिनट मे कम से कम सुने हुवे संभासण के 80-100 शब्दोँ को गती से लेखन लिख सके यह काबिलियत रहनी काफ़ी ज़रुरी है, स्टेनोग्राफर (आशुलिपिक) बनने के लिये भी संस्थानो की परीक्षाए पास करना आवश्यक रहती है, उसमे candidates को हर मिनट मे सुने हुवे संभासण 80-100 शब्दों को गती से लिखना ज़रुरी रहता है उसके बाद ही candidates परीक्षा पास करके Steganographer का ceritificate हासिल कर सकता है।
स्टेनोग्राफर बनने का क्या फायदा है?
स्टेनोग्राफर की राज्य के कई सरकारी विभागों मे ज़रुरत रहती है, उसके लिये कई पद मौजूद रहते है, जैसे railway विभाग में, डाक विभाग में, राज्य के मंत्रालयों में, सरकारी कार्यालयों और संस्थानो मे steganographer ज़रुरत रहती है, कई निजी कंपनी और संस्थानो को भी स्टेनोग्राफर की ज़रुरत पड़ती है।
स्टेनोग्राफर का मुख्य का काम क्या रहता है?
Steganographer का पद अपने संस्थान, कार्यालयो और बड़े अधिकारियो के प्रति भरोसेमंद और विश्वसनीय पद रहता है, स्टेनोग्राफर को लेखन लिखने के अलावा की मुख्य ज़िम्मेदारी यह भी रहती है की वह अपने संस्थान और कार्यालयो के गोपनीय रिकॉर्ड और दस्तावेजो की हिफाज़त कर सके।
स्टेनोग्राफी क्या है का आखरी शीर्षक
मे आशा करता हू की मेरा यह Article आपको ज़रूर अच्छा लगा होगा और आपने इस पोस्ट ( स्टेनोग्राफी क्या है? ) की माध्यम से बहोत कुछ सिखा होगा ।
मेरा यही लक्ष्य रहा है की आप जब मेरा यह आर्टिकल Steganography क्या है ? को पढ़ें तो आप को इस के related पुरी के पुरी जानकारी प्राप्त हो वह भी हिन्दी मे सरल शब्दो द्वारा।
अगर आप यह Article के प्रति कुछ कहना चाहते है या कोई शंका है तो आप नि:संकोच होकर निचे Comments मे बता सकते है।
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22 replies on “स्टेनोग्राफी क्या है? What is steganography IN HINDI”
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